प्रिय मित्रों,
इंटरनेट की जादुई दुनिया के बारे में बार-बार पढ़ते हुए मुझे यह अहसास लगातार होता रहा है कि हमारी मंज़िल का रास्ता इस मोड़ से भी गुज़रता है। एक महान सामाजिक उद्देश्य की तरफ़ दुनिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए इस माध्यम पर उपस्थिति अनिवार्य है, लेकिन कई कारणों से अभी तक इंटरनेट पर हमारा कोई ठिकाना नहीं बन पाया था।
लेकिन, कुछ साथियों की मेहनत और प्रेरणा के बूते आख़िरकार इंटरनेट के इस जादुई संसार में मैंने भी ठिकाना बना ही लिया, इस ब्लॉग के रुप में। "राष्ट्रीय विकलांग पार्टी" के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रुप में विकलांगों और किन्नरों की समस्या को मैं और मेरे साथी हर मुमकिन मंच से उठाते रहे हैं। उनकी मांगों को लोगों और सरकार के सामने रखते रहे हैं। लेकिन अब ब्लॉग के ज़रिए उनकी कहानियों को, उनके दर्द, उनकी पीड़ा, सरकार के प्रयासों और ज़मीनी हक़ीक़त से आम लोगों को परिचित करा पाऊंगा। इसके अलावा, पार्टी के कार्यक्रमों की सूचनाएँ भी एक झटके में लोगों और मीडिया तक पहुँच पाएंगी।
हमारी पार्टी समाज के उस तबक़े की उस आवाज़ को उठाने का मिशन लेकर चली है, जिसे अब तक अनसुना किया जाता रहा है। विकलांगों के हितों और अधिकारों की रक्षा करना तथा उन्हें सामाजिक प्रतिष्ठा दिलाना हमारा लक्ष्य है। इस ब्लॉग का उद्देश्य अपने संगठन (राष्ट्रीय विकलांग पार्टी) की विचारधारा से जनमानस को परिचित कराना तो है ही, अपनी निजी राय को भी आपसे बांटना है। ब्लॉग से जुड़ने वालों में युवाओं की संख्या अच्छी-ख़ासी होती है, ऐसे में हम देश की युवा शक्ति से भी अपेक्षा रखते हैं कि वो इस मिशन में हमारा सहयोग करेंगे।
संवाद के इस दुतरफ़ा माध्यम के ज़रिए हमारा आंदोलन परवान चढ़ेगा, ऐसी उम्मीद है। वैसे, ब्लॉग की दुनिया से मैं अभी तक जितना परिचित हो पाया हूँ, उसमें कुछ ब्लॉग मुझे ख़ासे पसंद आए। ऐसे में इन ब्लॉग्स को पढ़ना भी शुरु करूंगा, ताकि नए विचारों से मैं भी कुछ लाभ ले सकूँ। पहले लेख, जिसे शायद ब्लॉग की भाषा में पोस्ट कहते हैं, में इतना ही......
आपका भाई
के.के. दीक्षित
Saturday, February 20, 2010
जादुई दुनिया में आगमन
Posted by के. के. दीक्षित at 1:34 PM
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