Monday, February 22, 2010

जंतर-मंतर से गूंजेगी विकलांगों की आवाज़

विकलांग, विधवा और किन्‍नर- ये वर्ग हमेशा से ही सामाजिक और सरकारी उपेक्षा का शिकार रहे हैं। इनकी ओर न तो सरकार का ही कोई ध्‍यान जाता है और न ही समाज को इनके अधिकारों की कोई चिंता है। सरकारी नीतियों में या तो इनकी पूरी तरह से अनदेखी की जाती है या फिर अगर नीतियाँ बनाईं भी जाती हैं, तो वे यथार्थ के धरातल पर धरी-की-धरी रह जाती हैं। इनका लाभ कभी भी ज़रूरतमंद तक नहीं पहुँच पाता।

राष्‍ट्रीय विकलांग पार्टी की स्‍थापना समाज के इन्‍हीं अपेक्षित वर्गों की मांगों को उचित मंच देने के उद्देश्‍य से हुई है। पार्टी पिछले काफ़ी लंबे समय से देश भर में विभिन्‍न मंचों पर इन वर्गों की आवाज़ को उठाती रही है। हम देश के इस बड़े वर्ग के अधिकारों और मांगों को लेकर संघर्षरत हैं और इसके लिये समय-समय पर आंदोलन भी करते चले आये हैं।

साल 2010 में हमने अपने कार्यक्रम को और अधिक गति देते हुये व्‍यापक स्‍तर पर रैलियाँ और धरने करने का निर्णय किया है। अपने इसी प्रयास के अगले चरण में हम नयी दिल्‍ली के जंतर-मंतर पर दो दिवसीय धरना-प्रदर्शन करने जा रहे हैं। संसद के बजट सत्र के दौरान 24 और 25 फ़रवरी को होने वाले इस ‘घेराव’ में समाज के इन उपेक्षित वर्गों की समस्‍याओं की ओर सरकार का ध्‍यान आकृष्‍ट कराया जायेगा। हम चाहते हैं कि हमारी आवाज सरकार के कानों तक पहुँचे और वे इनका हल निकालने के लिये कोई सार्थक प्रयास करें।

पार्टी के इस महाधरने में देश भर से 20-25 हज़ार कार्यकर्ता एकत्रित होंगे, जो अपनी विभिन्‍न मांगों को मनवाने के लिये सरकार पर दबाव बनाने का काम करेंगे। इस अधिवेशन में पार्टी के किन्‍नर मोर्चा की अध्‍यक्ष कमला बाई भी शिरकत करेंगी। कमला बाई इस समय मध्‍यप्रदेश के सागर में नगरपालिका की महापौर हैं।

समाज में विकलांगों के प्रति दया और सहानुभूति का भाव आता है, जबकि हम चाहते हैं कि इनके लिये शिक्षा और रोज़गार में अवसर पैदा हों, ताकि ये वर्ग सम्‍मानपूर्वक अपना जीवन व्‍यतीत कर सकें। इन वर्गों को अवसरों की दरकार है, न कि सहानुभूति की।

विकलांग समाज का एक अभिन्‍न अंग हैं, उनकी अनदेखी कर समाज के पूर्ण विकास का सपना साकार नहीं हो सकता। राष्‍ट्रीय विकलांग पार्टी का राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष होने के नाते में समाज के हर तबके से इस धरने में शामिल होकर इसे सफल बनाने में सहयोग देने आह्वान करता हूँ।

आपका

के.के. दीक्षित
राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष- राष्‍ट्रीय विकलांग पार्टी
मोबाइल- 9891490154

Saturday, February 20, 2010

जादुई दुनिया में आगमन

प्रिय मित्रों,

इंटरनेट की जादुई दुनिया के बारे में बार-बार पढ़ते हुए मुझे यह अहसास लगातार होता रहा है कि हमारी मंज़िल का रास्ता इस मोड़ से भी गुज़रता है। एक महान सामाजिक उद्देश्य की तरफ़ दुनिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए इस माध्यम पर उपस्थिति अनिवार्य है, लेकिन कई कारणों से अभी तक इंटरनेट पर हमारा कोई ठिकाना नहीं बन पाया था।

लेकिन, कुछ साथियों की मेहनत और प्रेरणा के बूते आख़िरकार इंटरनेट के इस जादुई संसार में मैंने भी ठिकाना बना ही लिया, इस ब्लॉग के रुप में। "राष्ट्रीय विकलांग पार्टी" के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रुप में विकलांगों और किन्नरों की समस्या को मैं और मेरे साथी हर मुमकिन मंच से उठाते रहे हैं। उनकी मांगों को लोगों और सरकार के सामने रखते रहे हैं। लेकिन अब ब्लॉग के ज़रिए उनकी कहानियों को, उनके दर्द, उनकी पीड़ा, सरकार के प्रयासों और ज़मीनी हक़ीक़त से आम लोगों को परिचित करा पाऊंगा। इसके अलावा, पार्टी के कार्यक्रमों की सूचनाएँ भी एक झटके में लोगों और मीडिया तक पहुँच पाएंगी।

हमारी पार्टी समाज के उस तबक़े की उस आवाज़ को उठाने का मिशन लेकर चली है, जिसे अब तक अनसुना किया जाता रहा है। विकलांगों के हितों और अधिकारों की रक्षा करना तथा उन्‍हें सामाजिक प्रतिष्‍ठा दिलाना हमारा लक्ष्‍य है। इस ब्‍लॉग का उद्देश्‍य अपने संगठन (राष्‍ट्रीय विकलांग पार्टी) की विचारधारा से जनमानस को परिचित कराना तो है ही, अपनी निजी राय को भी आपसे बांटना है। ब्‍लॉग से जुड़ने वालों में युवाओं की संख्‍या अच्‍छी-ख़ासी होती है, ऐसे में हम देश की युवा शक्ति से भी अपेक्षा रखते हैं कि वो इस मिशन में हमारा सहयोग करेंगे।

संवाद के इस दुतरफ़ा माध्यम के ज़रिए हमारा आंदोलन परवान चढ़ेगा, ऐसी उम्मीद है। वैसे, ब्लॉग की दुनिया से मैं अभी तक जितना परिचित हो पाया हूँ, उसमें कुछ ब्लॉग मुझे ख़ासे पसंद आए। ऐसे में इन ब्लॉग्स को पढ़ना भी शुरु करूंगा, ताकि नए विचारों से मैं भी कुछ लाभ ले सकूँ। पहले लेख, जिसे शायद ब्लॉग की भाषा में पोस्ट कहते हैं, में इतना ही......

आपका भाई

के.के. दीक्षित